चाचणी क्रमांक 129 - मराठी उतारे, नवोदय, शिष्यवृत्ती, मंथन, भारत टॅलेंट सर्च, BTS, navodaya, scholarship, marathi utare

चाचणी क्रमांक 129 - मराठी उतारे, 

नवोदय, शिष्यवृत्ती, मंथन, भारत टॅलेंट सर्च, 



BTS, navodaya, scholarship, marathi utare,


जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा पूर्व उच्च प्राथमिक शिष्यवृत्ती परीक्षा पूर्व माध्यमिक शिष्यवृत्ती परीक्षा भारत टॅलेंट सर्च परीक्षा मंथन श्रेया आय एम विनर इत्यादी विविध स्पर्धा परीक्षेसाठी भाषा विषयाची उतारे आणि त्यावर आधारित प्रश्नांचा सराव व्हावा या उद्देशाने ही मोफत चाचणी उपलब्ध करून देण्यात येत आहे.


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गणित बुद्धिमत्ता इंग्रजी विषयाच्या घटक निहाय सराव चाचण्या सोडविण्यासाठी खाली दिलेल्या लिंक वर सर्च करा.



  

बुद्धिमत्ता जम्बो टेस्ट क्र.03, तर्कसंगती व अनुमान (भाषिक),Intelligence Jumbo Test No.03, Reasoning and Inference (Linguistic),

बुद्धिमत्ता जम्बो टेस्ट क्र.03,

बुद्धिमत्ता

तर्कसंगती व अनुमान (भाषिक),

Intelligence Jumbo Test No.03, Reasoning and Inference (Linguistic),

हे जाणून घ्या

या प्रकारातील प्रश्न आपल्या विचारशक्तीला चालना देणारे असतात. यात एखादे विधान दिलेले असते त्यावर आधारलेल्या इतर गोष्टींचा विचार करावा लागतो. हे प्रश्न सोडवताना कल्पनाशक्ती व विचारशक्ती उपयोगात आणावी लागते आणि त्यावरुन अनुमान करुन अचूक उत्तर ठरवावे लागते. अनुमान म्हणजे तर्कशास्त्राच्या नियमानुसार काढलेले निष्कर्षच असतात. कोडी सोडविण्यासाठी तुम्ही कल्पनाशक्ती व विचारशक्ती उपयोगात आणून अनुमान करता व त्याची उत्तरे काढता. त्याच धर्तीवर हे प्रश्न असतात. या प्रकारातील प्रश्न सोडवतांना प्रत्येक प्रश्न लक्षपूर्वक वाचून त्यावर विचार करुन उत्तर ठरवणे आवश्यक आहे.

या घटकाचे भाषिक आणि अभाषिक अशा दोन मुख्य उपघटकांत वर्गीकरण केले जाते. भाषिक विभागामध्ये प्रश्नांचे स्वरुप शाब्दिक असते तर अभाषिक विभागामध्ये आकृत्या दिलेल्या असतात व त्यावर आधारित प्रश्न सोडवायचे असतात.

हे जाणून घ्या


(1) वय: या प्रश्नप्रकारात दोन किंवा तीन व्यक्तींच्या वयांची तुलना पटीमध्ये केलेली असते. तसेच एखादद्या व्यक्तीचे वय जन्मांचे वर्ष किंवा जन्मतारीख दिलेली असते. त्यावरुन एका व्यक्तीचे वय विचारण्यात येते. 

(2) तुलना : या प्रश्नप्रकारात वस्तू, पदार्थ किंवा व्यक्ती यांच्या गुणांच्या उंचीच्या, किंवा आकाराच्या बाबतीत तुलना केली जाते. ही तुलना समजावून घेऊन तकनि अचूक उत्तर दद्यावे लागते. तुलना करताना जास्त किंवा कमी प्रमाण असते. जास्तीसाठी व कमीसाठी < या गणितातील चिन्हांचा वापर करा.

(3) नावात बदल: या प्रश्नप्रकारातील उत्तरे शोधण्यासाठी विचारलेल्या प्रश्नाचे उत्तर मिळवावे जे उत्तर येईल त्याला काय म्हटले आहे हे पाहावे म्हणजे उत्तर मिळेल.

(4) नाती : या प्रश्नप्रकारात दोन व्यक्तिचा एकमेकांशी असणारा नातेसंबंधाचा विचार होतो. जसे : आई, वडील, मामा, भाचा, बहिणी, नणंद, सासू, सासरा इत्यादी.


चाचणी क्रमांक 128 - मराठी भाषा उतारे, वाचन आकलन, नवोदय, शिष्यवृत्ती, मंथन, भारत टॅलेंट सर्च,bts, navodaya, scholarship, marathi, utare

चाचणी क्रमांक 128 - मराठी भाषा उतारे, 

Marathi Utare


वाचन आकलन, नवोदय, शिष्यवृत्ती, मंथन, भारत टॅलेंट सर्च,

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जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा, पूर्व उच्च प्राथमिक शिष्यवृत्ती इयत्ता पाचवी, पूर्व उच्च माध्यमिक शिष्यवृत्ती परीक्षा इयत्ता आठवी इत्यादी विविध स्पर्धा परीक्षेसाठी भाषा विषयाचे उत्तरांवर आधारित सराव चाचणी मोफत उपलब्ध करून देत आहोत.

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चाचणी क्रमांक 127 - मराठी भाषा उतारे, नवोदय, शिष्यवृत्ती, मंथन, BTS, navodaya, scholarship, marathi utare,

चाचणी क्रमांक 127 - मराठी भाषा उतारे, 

Marathi Utare


नवोदय, शिष्यवृत्ती, मंथन, 


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जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा, शिष्यवृत्ती, नवोदय मंथन, श्रेया, आय एम विनर इत्यादी विविध स्पर्धा परीक्षेसाठी उपयुक्त भाषा विषयांच्या उताऱ्यावर आधारित सराव चाचणी सोडवा.

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चाचणी क्रमांक 126 - मराठी उतारे, जवाहर नवोदय विद्यालय, शिष्यवृत्ती, मंथन, BTS, navodaya, scholarship, marathi utare

चाचणी क्रमांक 126 - मराठी उतारे, 

मराठी उतारे


जवाहर नवोदय विद्यालय, शिष्यवृत्ती, मंथन, 

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विद्यार्थी मित्रांनो, जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा, पूर्व उच्च प्राथमिक शिष्यवृत्ती परीक्षा इयत्ता पाचवी, पूर्व माध्यमिक शिष्यवृत्ती परीक्षा इयत्ता आठवी, श्रेया, आय एम विनर, भारत टॅलेंट सर्च परीक्षा, श्रेया, मंथन इत्यादी विविध स्पर्धा परीक्षेसाठी भाषा विषयाचे उतारे आणि त्यावर आधारित प्रश्न विचारले जातात.  या उताऱ्यांचा अधिकाधिक सराव व्हावा म्हणून आपण या ठिकाणी उताऱ्यांवर आधारित सराव चाचण्या मोफत उपलब्ध करून देत आहोत.

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मराठवाडा मुक्ती संग्राम दिन हिंदी भाषण, marathvada Mukti Sangram din bhashan hindi,

मराठवाड़ा मुक्तिसंग्राम दिवस हिंदी भाषण, 

Marathvada Mukti Sangram din Hindi bhashan


 मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिन हिंदी भाषण,

 17 सितंबर मराठवाड़ा मुक्ति दिवस लघु भाषण

 इस भाषण को पहली से दसवीं तक के छात्र आत्मविश्वास के साथ लिख और प्रस्तुत कर सकते हैं।

 भाषण क्रमांक 01

 प्रथम और द्वितीय कक्षा के छात्रों  के लिए 5 पंक्ति का मराठी भाषण

 1) सभी को नमस्कार,

            मेरा नाम आयुष हे। 

 2) आज 17 सितंबर के दिन को हम 'मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस' के रूप में मना रहे हैं।

 3) सबसे पहले सभी को मराठवाड़ा मुक्ति दिवस की शुभकामनाएँ!

 4) हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हो गया, लेकिन मराठवाड़ा को सच्ची स्वतंत्रता नहीं मिली क्योंकि वह मराठवाड़ा के निज़ाम की गुलामी में था।

 5) निज़ाम संस्थान हमारे मराठवाड़ा पर शासन कर रहा था और हमारे लोग उनके अन्याय को सह रहे थे।

 6) इस अन्याय के विरुद्ध स्वामी रामानन्द तीर्थ के नेतृत्व में मुक्ति संग्राम प्रारम्भ किया गया।

 5) अंततः 17 सितंबर 1948 को हमारा मराठवाड़ा निज़ाम की गुलामी से मुक्त हो गया।

 इतना कहकर मैं अपने दो शब्द समाप्त करूंगा

                   जय हिंद!  जय महाराष्ट्र!


भाषण क्रमांक 02

 (यह भाषण तीसरी से पांचवीं तक के छात्र लिख सकते हैं)

        आज के कार्यक्रम के अध्यक्ष, मुख्य अतिथि, आपके विद्यालय के प्रधानाचार्य, आदरणीय गुरुजन वर्ग और मेरे बाल मित्रो,

         आज मैं मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस के अवसर पर आपके सामने दो शब्द कहने जा रहा हूं, आपसे विनम्र निवेदन है कि इन्हें शांति से सुनें।

          दोस्तों, आज हम 17 सितंबर को मराठवाड़ा मुक्ति दिवस के रूप में मना रहे हैं।

        हमारा भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हो गया लेकिन हमारे मराठवाड़ा पर निज़ाम संस्थाओं का शासन था।  हमारे लोग उनका अन्याय सह रहे थे.

             इस अन्याय के विरुद्ध स्वामी रामानन्द तीर्थ के नेतृत्व में मुक्ति आन्दोलन प्रारम्भ किया गया।  लेकिन जब निज़ाम ने आत्मसमर्पण नहीं किया, तो सरदार वल्लभभाई पटेल ने 13 सितंबर 1948 को पुलिस कार्रवाई शुरू की।

            17 सितंबर 1948 को निज़ाम ने आत्मसमर्पण कर दिया और उनका मराठवाड़ा स्वतंत्र हो गया।

            तभी से 17 सितंबर को 'मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस' के रूप में मनाया जाता है।

              सभी को मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस की शुभकामनाएं और मेरी दो बातें चुपचाप सुनने के लिए धन्यवाद।

                      जय हिंद!   जय महाराष्ट्र!


भाषण क्रमांक 03

 (यह भाषण छठी से आठवीं तक के विद्यार्थी लिख सकते हैं)

       सम्मानीय मंच, यहां एकत्रित गांव के प्रतिष्ठित नागरिक, गुरुजन वर्ग और मेरे बाल मित्र,

        आख़िरकार 17 सितंबर 1948 को मराठवाड़ा में आज़ादी का सूरज चमक उठा।  मराठवाड़ा निज़ामों के अत्याचार से मुक्त हो गया और मराठवाड़ा के लोगों ने आज़ादी की सुनहरी सुबह देखी।

             15 अगस्त 1947 को भारत आज़ाद हो गया लेकिन फिर भी हमारा मराठवाड़ा निज़ाम का गुलाम था।

              आज़ादी के बाद भारत के कई संस्थानों का भारत में विलय हो गया लेकिन जूनागढ़ जम्मू-कश्मीर और हैदराबाद के संस्थानों ने विलय को अस्वीकार कर दिया। 

         अंततः जूनागढ़ और जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय हो गया।  लेकिन भारत के मध्य में हैदराबाद के निज़ाम ने वैधीकरण से इनकार कर दिया। 

           निज़ाम अपना स्वतंत्र राष्ट्र बनाना चाहता था।  मराठवाड़ा इसी हैदराबाद राज्य में था।  यहां के लोगों ने निज़ाम के अत्याचारी शासन के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई।  अत: निज़ाम ने इन लोगों को बसाने के लिए कासिम रजनी के नेतृत्व में एक संगठन बनाया। 

          इन लोगों ने 'रजाकार' नाम रख लिया।  कत्लेआम कर रहा था.  उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया. 

             लोगों ने स्वामी रामानंद तीर्थ के नेतृत्व में इस अन्याय के खिलाफ लड़ने का फैसला किया।  मराठवाड़ा की मुक्ति के लिए वे अपने प्राणों की परवाह किये बिना जी-जान से लड़े।  लेकिन निज़ाम को कुछ भी करना मंजूर नहीं था। 

               तब तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने पुलिस कार्रवाई का आदेश दिया.  13 सितंबर 1948 को, सरकारी बलों ने हैदराबाद राज्य में प्रवेश किया और निज़ाम पर दबाव डाला।

         आख़िरकार 17 सितंबर 1948 को निज़ाम ने आत्मसमर्पण कर दिया।  मराठवाड़ा निज़ाम की गुलामी से मुक्त हो गया और मराठवाड़ा ने भी राहत की सांस ली।

   इसीलिए 17 सितंबर को मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस मनाया जाता है.

           मैं सभी को मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और अपने दो शब्दों के साथ अपनी बात समाप्त करता हूं।

                    जय हिंद!    जय महाराष्ट्र!


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17 September Marathwada Liberation Day Short Speech - मराठवाडा मुक्ती संग्राम दिन इंग्रजी भाषण,

Marathvada mukti sangram din English bhashan,

Marathvada Mukti Sangram din bhashan


 17 September Marathwada Liberation Day Short Speech

मराठवाडा मुक्ती संग्राम दिन इंग्रजी भाषण

 Students from 1st to 10th can write this speech and present it confidently.

 Speech No. 01

 (5 line English speech for 1st and 2nd students)

 1) Hello everyone,

            My name is Ayush. 

 2) Today 17th September, we are celebrating this day as 'Marathwada Mukti Sangram Day'.

 3) First of all Happy Marathwada Liberation Day to all!

 4) Our country India became independent on 15th August 1947, but Marathwada did not get true independence as it was under the slavery of Nizam of Marathwada.

 5) Nizam Sansthan was ruling our Marathwada and our people were suffering their injustice.

 6) Against this injustice, a liberation struggle was started under the leadership of Swami Ramanand Tirtha.

 5) Finally on 17 September 1948 our Marathwada was freed from the slavery of the Nizam.

 By saying this I will end my two words

                   Jai Hind!  Jai Maharashtra!


Speech No. 02

 (This speech can be written by 3rd to 5th students)

        Today's President, Chief Guest, Principal of our School, Respected Teachers and all my Friends,

         Today I am going to say two words before you on the occasion of Marathwada Mukti Sangram Day, I humbly request you to listen to them calmly.

          Friends, today we are celebrating 17th September as Marathwada Liberation Day.

        Our India became independent on 15th August 1947 but our Marathwada was ruled by Nizam institutions.  Our people were bearing their injustice.

             Against this injustice, a liberation movement was started under the leadership of Swami Ramanand Theertha.  But as the Nizam did not surrender, Sardar Vallabhbhai Patel initiated police action on 13 September 1948.

            On 17 September 1948, the Nizam surrendered and his Marathwada became independent.

            Since then 17th September is celebrated as 'Marathwada Mukti Sangram Day'.

              Happy Marathwada Mukti Sangram Day to all and thank you for quietly listening to my two words.

                      Jai Hind!   Jai Maharashtra!


Speech No. 03

 (This speech can be written by 6th to 8th students)

       Honorable platform, distinguished citizens of the village gathered here, Gurujan Varga and my child friends,

        Finally, on 17 September 1948, the sun of independence rose brightly in Marathwada.  Marathwada was freed from the tyranny of the Nizams and the people of Marathwada saw the golden dawn of freedom.

             India became independent on 15th August 1947 but still our Marathwada was enslaved by the Nizam.

              Many institutes in India merged with India after independence but the institutes of Junagadh Jammu and Kashmir and Hyderabad rejected the merger. 

         Eventually, Junagadh and Jammu and Kashmir were merged into India.  But the Nizam of Hyderabad in the middle of India refused legalization. 

           Nizam wanted to create his independent nation.  Marathwada was in this Hyderabad state.  The people here raised their voices against the tyrannical rule of the Nizam.  Therefore, Nizam created an organization under the leadership of Qasim Rajni to settle these people. 

          These people took the name 'Razakar'.  was slaughtering.  They were forcibly converted. 

             The people decided to fight against this injustice under the leadership of Swami Ramanand Theertha.  For the liberation of Marathwada, they fought with all their lives without caring for their lives.  But the Nizam was not appreciative of doing anything. 

               Then the then Home Minister Sardar Vallabhbhai Patel ordered police action.  On 13 September 1948, government forces entered Hyderabad State and put pressure on the Nizam.

      Finally on 17 September 1948 Nizam surrendered.  Marathwada was freed from Nizam's slavery and Marathwada also breathed a sigh of relief.

   That is why Marathwada Mukti Sangram Day is celebrated on 17th September.

           I wish everyone a very Happy Marathwada Mukti Sangram Day and conclude with my two words.

                    Jai Hind!    Jai Maharashtra!


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मराठवाडा मुक्तीसंग्राम दिन मराठी भाषण, marathvada MuktiSangram din Marathi bhashan

मराठवाडा मुक्तीसंग्राम दिन मराठी भाषण, 

मराठवाडा मुक्ती संग्राम दिन भाषण


marathvada MuktiSangram din Marathi bhashan,

17 सप्टेंबर मराठवाडा मुक्तीसंग्राम दिन छोटे भाषण

1 ली ते 10 वीचे विद्यार्थी हे भाषण लिहून घेऊन आत्मविश्वासाने सादर करू शकतात.

भाषण क्रमांक 01

1 ली व 2 री चे विद्यार्थ्यांसाठी 5 ओळींचे मराठी भाषण

1) नमस्कार सर्वांना,
          माझे नाव आयुष आहे. 
2) आज 17 सप्टेंबर, हा दिवस आपण 'मराठवाडा मुक्ती संग्राम दिन' म्हणून साजरा करत आहोत.
3) सर्वप्रथम सर्व मराठवाडा मुक्ती संग्राम दिनाच्या खूप खूप शुभेच्छा !
4) आपला भारत देश 15 ऑगस्ट 1947 रोजी स्वतंत्र झाला, परंतु मराठवाडा निजामाच्या गुलामगिरीत असल्यामुळे मराठवाड्याला खरे स्वातंत्र्य मिळाले नाही.
5) आपल्या मराठवाड्यावर निजाम संस्थान राज्य करीत होते त्यांचा अन्याय आपली जनता सहन करत होती.
6) या अन्यायाविरुद्ध स्वामी रामानंद तीर्थ यांच्या नेतृत्वाखाली मुक्तिसंग्राम सुरू झाला.
5) अखेर 17 सप्टेंबर 1948 रोजी आपला मराठवाडा निजामाच्या गुलामगिरीतून मुक्त झाला.

एवढे बोलून मी माझे दोन शब्द संपवितो

                 जय हिंद ! जय महाराष्ट्र !


भाषण क्रमांक 02

(हे भाषण 3 री ते 5 वी चे विद्यार्थी लिहून घेऊ शकतात)

      आजच्या कार्यक्रमाचे अध्यक्ष, प्रमुख पाहुणे, आपल्या शाळेचे मुख्याध्यापक, आदरणीय गुरुजन वर्ग आणि माझ्या बाल मित्रांनो,
       आज मी आपल्यासमोर मराठवाडा मुक्ती संग्राम दिनानिमित्त दोन शब्द सांगणार आहे, ते तुम्ही शांतचित्ताने ऐकून घ्यावे ही माझी नम्र विनंती.
        मित्रांनो, आज 17 सप्टेंबर हा दिवस आपण मराठवाडा मुक्ती संग्राम दिन म्हणून अतिशय आनंदाने साजरा करत आहोत.
      आपला भारत देश 15 ऑगस्ट 1947 रोजी स्वतंत्र झाला परंतु आपल्या मराठवाड्यावर निजाम संस्थांचे राज्य होते. त्यांचा अन्याय आपली जनता सहन करत होती.
           या अन्यायाविरुद्ध स्वामी रामानंद तीर्थ यांच्या नेतृत्वाखाली मुक्ती संग्राम सुरू करण्यात आला. परंतु निजाम शरण आला नाही म्हणून सरदार वल्लभभाई पटेल यांनी 13 सप्टेंबर 1948 रोजी पोलीस कार्यवाही सुरू केली.
          17 सप्टेंबर 1948 रोजी निजाम शरण आला आणि आपला मराठवाडा स्वतंत्र झाला.
          तेव्हापासून 17 सप्टेंबर हा दिवस 'मराठवाडा मुक्ती संग्राम दिन' म्हणून साजरा केला जातो.
            सर्वांना मराठवाडा मुक्ती संग्राम दिनाच्या शुभेच्छा देतो आणि माझे दोन शब्द शांतपणे ऐकून घेतल्याबद्दल धन्यवाद व्यक्त करतो.

                    जय हिंद !  जय महाराष्ट्र  !


भाषण क्रमांक 03

(हे भाषण सहावी ते आठवीचे विद्यार्थी लिहून घेऊ शकतात)

                   "उगवली सोनेरी पहाट
             अन्  मिटला अंधार युगायुगांचा 
                फडकला तिरंगा दिमाखाने अन् 
      मराठवाड्यानेही सोहळा पाहिला स्वातंत्र्याचा"

     सन्माननीय व्यासपीठ, इथे जमलेले गावातील प्रतिष्ठित नागरिक, गुरुजन वर्ग आणि माझ्या बाल मित्रांनो,
      अखेर 17 सप्टेंबर 1948 या दिवशी स्वातंत्र्याचा सूर्य मराठवाड्यात दिमाखाने उगवला. मराठवाडा निजामांच्या जुलमी अत्याचारातून मुक्त झाला आणि  स्वातंत्र्याची सोनेरी पहाट मराठवाड्यातील जनतेने पाहिली.
           15 ऑगस्ट 1947 रोजी आपला भारत देश स्वतंत्र झाला पण तरीही आपल्या मराठवाडा मात्र निजामाच्या गुलामगिरीत अडकलेला होता.
            भारतातील अनेक संस्थाने स्वातंत्र्यानंतर भारतात विलीन झाली परंतु जुनागड जम्मू-काश्मीर व हैदराबादच्या संस्थानिकांनी विलीनीकरणास नकार दिला. 
       कालांतराने जुनागड व जम्मू-काश्मीर ही संस्थाने भारतात विलीन झाली. परंतु भारताच्या मधोमध असलेल्या हैदराबादच्या निजामाने विधिनीकरणास नकार दिला. 
         निजामाला त्यांचे स्वतंत्र राष्ट्र निर्माण करायचे होते. याच हैदराबाद संस्थानात मराठवाडा होता. येथील जनतेने निजामाच्या जुलमी राजवटीविरुद्ध आवाज उठवला. त्यामुळे या जनतेचा बंदोबस्त करण्यासाठी निजामाने कासिम रजनीच्या नेतृत्वाखाली एक संघटना निर्माण केली. 
        यातील लोकांनी नाव धारण केले 'रझाकार' हे रझाकार गावोगावी जाऊन जनतेवर अत्याचार करत. कत्तली करत होते. जबरदस्तीने धर्मांतरण करून घेत होते. 
           जनतेने या अन्यायाचा प्रतिकार करण्यासाठी स्वामी रामानंद तीर्थ यांच्या नेतृत्वाखाली लढा देण्याचे ठरवले. मराठवाड्याच्या मुक्तीसाठी जीवाची पर्वा न करता सारे प्राण पणाने लढले. पण निजाम काही केल्या दाद देत नव्हता. 
             तेव्हा तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल यांनी पोलीस कारवाईचे आदेश दिले होते. 13 सप्टेंबर 1948 रोजी सरकारी फौजा हैदराबाद संस्थानात घुसवल्या आणि निजामावर दबाव आणला.

      अखेरीस 17 सप्टेंबर 1948 रोजी निजाम शरण आला. मराठवाड्याची निजामाच्या गुलामीतून मुक्तता झाली आणि मराठवाड्यानेही मोकळा श्वास घेतला.

 म्हणूनच 17 सप्टेंबर या दिवशी मराठवाडा मुक्ती संग्राम दिन साजरा केला जातो.
         सर्वांना माझ्याकडून मराठवाडा मुक्ती संग्राम दिनाच्या खूप खूप शुभेच्छा देतो आणि माझे दोन शब्द संपवतो.

                  जय हिंद  !   जय महाराष्ट्र  !


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चाचणी क्रमांक 125 - मराठी उतारे वाचन आकलन, जवाहर नवोदय विद्यालय, शिष्यवृत्ती, मंथन, BTS, MTS, Jnvst, navodaya, scholarship, marathi utare

चाचणी क्रमांक 125 - मराठी उतारे वाचन आकलन, 

मराठी भाषा उतारे


जवाहर नवोदय विद्यालय, शिष्यवृत्ती, मंथन, 

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चाचणी क्रमांक 124 - मराठी भाषा उतारे, नवोदय, शिष्यवृत्ती, मंथन, भारत टॅलेंट सर्च, BTS, navodaya, scholarship, marathi utare

चाचणी क्रमांक 124 - मराठी भाषा उतारे, 

मराठी उतारे


नवोदय, शिष्यवृत्ती, मंथन, भारत टॅलेंट सर्च, 

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विद्यार्थी मित्रांनो, जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा, पूर्व उच्च प्राथमिक शिष्यवृत्ती परीक्षा इयत्ता पाचवी, तसेच पूर्व माध्यमिक शिष्यवृत्ती परीक्षा इयत्ता आठवी, श्रेया, आय एम विनर, मंथन, भारत टॅलेंट सर्च परीक्षा इत्यादी विविध स्पर्धा परीक्षेमध्ये भाषा विषयांचे उतारे आणि त्यावर आधारित प्रश्न विचारले जातात. या उताऱ्यांचा अधिकाधिक सराव व्हावा या उद्देशाने या ठिकाणी मोफत सराव चाचण्या उपलब्ध करून देण्यात येत आहेत.


 विद्यार्थी मित्रांनो, यापूर्वीच्या उताऱ्यांवर आधारित सर्व सराव चाचण्या सोडविण्यासाठी खाली दिलेल्या लिंक चा वापर करा.


  

गणित जम्बो टेस्ट क्र. 07 - नफा - तोटा,Math Jumbo Test,profit - loss

गणित जम्बो टेस्ट क्र. 07 - नफा - तोटा,

नफा तोटा


Math Jumbo Test,

profit - loss 

 हे जाणून घ्या :

• नफा-तोटा हा उपघटक प्राथमिक/मूलभूत क्रियावर आधारीत आहे

(1) खरेदी किंमत : ज्या किमतीला वस्तू खरेदी केली जाते, तिला खरेदी किमत म्हणतात

(2) विक्री किंमत : ज्या किमतीला वस्तू विकली जाते. तिला विक्री किंमत म्हणतात

(3) नफा : खरेदी किमतीपेक्षा विक्री किमत जास्त असेल तर नफा किवा फायदा होतो

(4) तोटा : खरेदी किमतीपेक्षा विक्री किमत कमी असेल तर तोटा होतो.

महत्त्वाची सूत्रे

लक्षात ठेवा : नफा = विक्री खरेदी तोटा = खरेदी विक्री

(1) नफा = विक्री किंमत - खरेदी किंमत

(2) तोटा = खरेदी किंमत - विक्री किंमत

(3) विक्री = खरेदी + नफा

(4) खरेदी = विक्री - नफा

(5) विक्री = खरेदी - तोटा

(6) खरेदी = व्रिकी + तोटा.


खाली दिलेल्या START QUIZ या बटनावर क्लिक करून जम्बो टेस्ट सोडवा.